आस्था

विषम काल में सकारात्मक आचरण देवदूत एवं नकारात्मक आचरण नरभक्षी गिद्ध करते हैं- दिव्य अग्रवाल   (लेखक व विचारक)

प्रयागराज:कुम्भ स्नान सनातन की वह प्रथा जिसको कभी कोई नहीं रोक पाया अनेको चुनौतियों का सामना कर कुम्भ अनवरत चलता रहा और चलता रहेगा  धन्य हैं वो लोग जो कुम्भ की व्यवस्था में सहयोग कर पाते हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज और उनके अधिकारियों ने कठिन परिश्रम और समर्पण के साथ इस महाकुंभ का आयोजन करवाया है जिसकी भव्यता और व्यवस्था पूरे विश्व में सराहनीय है। मौनी अमावस्या के दिन अप्रिय घटना हुई जिसके कारण भी खंगाले जा रहे हैं।   एक अच्छे भारतीय और सनातनी होने के नाते हम सबका दायित्व है की हम इस दुखद घटना में राहत पहुंचाने के सहभागी बने न कि आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करें । योगी जी महाराज का भावुक सन्देश यह प्रदर्शित करता है की अथक परिश्रम के पश्चात जब किन्ही कारणों से कोई दुखद घटना हो जाती है तो अन्तःकरण में असहनीय वेदना होना स्वभाविक है। इस पीड़ा को राजा भैया जैसे अनेको व्यक्ति समझते हुए महाकुम्भ में लोगो की सेवा करने में जुट गए हैं । मौनी अमावस्या के दिन से ही राजा भैया और उनके लोग कुम्भ में आए श्रद्धालुओं की हर सम्भव मदद कर रहे हैं निसंदेह एक जिम्मेदार व्यक्ति का यही दायित्व है की वो विषम परिस्थियों में पहाड़ की तरह मजबूती से खड़े होकर आमजनमानस की मदद करें लेकिन कुछ असंवेदशील लोग ऐसे भी होते हैं जो गीद्ध की तरह निगाहें जमाए रहते हैं की कोई दुर्घटना हो और वो नोचने के लिए पहुँच जाते जाएँ । उत्तर प्रदेश देव भूमि है यहाँ के व्यक्ति में धर्म , धैर्य और सहयोग की भावना का समावेश होना अत्यंत आवश्यक है कुम्भ सभी सनातनियों का है सबको अपने अपने स्तर से दायित्व निर्वहन करना चाहिए ।

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