विचार

सनातन धर्म पर राजा भैया का सशक्त उद्बोधन – दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)

विचार:उत्तर प्रदेश विधानसभा में राजा भैया का उद्बोधन सदन में उपस्थित सभी सनातनी जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणा है । सदन में जितने भी सनातनी जनप्रतिनिधि बैठे हैं उनमे से किसी एक को भी संभल विवादित स्थल के सर्वे से आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्यूंकि हम सबके लिए सर्वप्रथम सनातन धर्म है। सदन में यह बात पूरी स्पष्टता और शक्ति के साथ कहना वो भी भाजपा नहीं अपितु जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के मुख्या द्वारा कहना अभिनंदनीय है राजा भैया ने पत्थरबाजों से लेकर बहराइच में रामगोपाल मिश्रा की निर्मम हत्या करने वालों तक पर प्रश्न किए, उन अधिकारियों के प्रति अपनी चिंता और संवेदना भी व्यक्त की जिन पर सम्भल सर्वे के दौरान मजहबी उपद्रवियों ने पथराव और गोलीबारी की थी । निसंदेह राजनीतिक तुष्टिकरण इतना भी अँधा नहीं होना चाहिए की सत्य दिखना ही बंद हो जाए , सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उन्हें हिन्दू नरसंघार , खंडित सनातनी मंदिरो और इस्लामिक क्रूरता के प्रति मुखर होना चाहिए जब इस्लामिक जनप्रतिनिधि बेशर्म होकर जिहादी कटटरपंथियो के समर्थन में खड़े हो जाते है तो सनातन धर्म में जन्म लेने वाले जनप्रतिनिधि किसी राजनितिक दल की मुस्लिम तुष्टिकरण के विचारो की बेड़ियों से बाधित क्यों होते हैं । इन बेड़ियों को तोड़कर सनातन धर्म और अपने अग्रिम वंश की सुरक्षा हेतु मुखर होइए,प्रखर होइए,प्रतिकार कीजिए,पुरुषार्थ कीजिए।

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