दुकानों और घरों से कूड़ा उठाने के नाम पर नगर पालिका परिषद द्वारा एक बार फिर वसूली करने का इरादा-संजय गोयल
बुलंदशहर:पहले कार्यकाल में नगर पालिका परिषद ने ठेकेदार को लाखों रूपये का ठेका उठाकर दुकानों और घरों से 50 रुपये से 500 रूपये प्रतिमाह वसूली का निर्णय लिया था| लेकिन व्यापारियों और कुछ समाजसेवी व्यक्तियों के विरोध के चलते नगर पालिका परिषद को ठेका निरस्त करना पड़ा था|
समाजसेवी संजय गोयल ने कहा कि एक बात समझ नहीं आती की नगर पालिका परिषद वॉटर टैक्स और हाउस टैक्स के नाम पर शहर की जनता से करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में वसूलती है जबकि अधिकतर व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर तो वॉटर कनेक्शन भी नहीं है लेकिन फिर भी व्यापारी वॉटर टैक्स देता है |नगर पालिका शहर में और भी साधनों से आय अर्जित करती है जैसे किराया आदि जिससे करोड़ों रुपए नगर पालिका परिषद के खजाने में जमा होते हैं |इसके बाद सूत्रों के आधार पर सरकार भी नगर पालिका सफाई कर्मचारियों को शहर की सफाई के नाम पर लगभग 40000 हजार रूपये से 50000 रूपये तक का वेतन देती है तो फिर नगर पालिका द्वारा जनता से अर्जित करोड़ों रुपया किसके लिए ❓
जबकि पिछले कार्यकाल में टैक्स के नाम पर कई गुना बेहताशा वृद्धि की गई थी और अब फिर टैक्स के नाम पर बढ़ोतरी की बात सुनने में आ रही है| उसके बाद कूड़ा उठाने के नाम पर 50 रूपये से 500 रूपये वसूलना कितना उचित है ❓
इस परेशानी के साथ-साथ एक बात और कूड़े के नाम पर घरों और दुकानों से 50 रूपये से 500 रूपये तो वसूले जायेगें ही, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह भी है कि वर्तमान में नियम तो जनता पर थोप दिया जाएगा लेकिन आने वाले कार्यकाल में इस पर जो बढ़ोतरी होगी वह भी जनता को झेलनी होती है|