गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में शैक्षिक सत्र 2024-25 का ओरिएंटेशन व इंडक्शन कार्यक्रम का दूसरा दिन रहा अत्यंत जोश भरा
ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में नवप्रवेशित छात्रों के लिए ओरिएंटेशन व इंडक्शन कार्यक्रम का दूसरा दिन भी अत्यंत जोश भरा रहा । कार्यक्रम की शुरूआत में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने ग्लोबल बनने एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करते हुए विश्वविद्यालय का विस्तृत परिचय दिया तथा नवागंतुक छात्रों को संबोधित किया कि आपके जीवन में उत्कृष्टता किस प्रकार आए और कैसे आपके चरित्र का समग्र विकास हो सके, इसका पूरा ध्यान विश्वविद्यालय रखता है ।
मुख्य अतिथि भारत के जलपुरूष डॉ. राजेन्द्र सिंह का विस्तृत परिचय छात्र कुल अधिष्ठाता डॉ. मनमोहन सिंह सिसोदिया ने दिया । डॉ. राजेन्द्र सिंह ने ‘तरूण भारत संघ के अनुभवों से विज्ञान जलवायु परिवर्तन संकट का समाधान’ विषय के अंतर्गत अपने मोटिवेशनल व्याख्यान में छात्रों को शिक्षा और ज्ञान में भेद बताते हुए कहा कि ‘शिक्षा बहुत परिश्रम के बाद प्राप्त होता है, वह मात्र डिग्री भी हो सकती है किंतु ज्ञान, जब किसी विद्यार्थी के मन में अंतर्रात्मा से भाव जागृत होता है तथा उसकी कल्पनाएँ मूर्त होने लगती हैं तब वह जो चाहता है, वह बनता है । अंतर्रात्मा ही खुद को कोई भी काम करने के लिए प्रेरित करती है । कोई शिक्षक आपको सिर्फ बढ़ा सकता है, लेकिन आपको बनना खुद है’। आगे उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पर बात करते हुए कहा कि ‘हमें शुभ और लाभ दोनों को साथ में लेकर चलना होगा । शुभ ही सनातन बनाता है तथा सदैव नित्य नूतन निर्माण के लिए प्रेरित करता है । भारतवासियों ने नीर-नारी-नदी को सदैव महत्त्व दिया है तथा यह तीनों ही नारायण के रूप में जाने जाते हैं । जिस दिन हम नीर-नारी-नदी की रक्षा एवं साधना सीख जायेंगे उसी दिन भारत विश्व-गुरू बन जाएगा’ । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त संकाय, विभाग, प्रभागों, एडमिशन एवं परीक्षा विभाग का विस्तृत परिचय दिया गया ।
तथा कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ । इस कार्यक्रम में लगभग 2500 नव छात्रों में प्रतिभाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया ।
यह ध्यातव्य है कि ओरिएंटेशन व इंडक्शन कार्यक्रम के प्रथम दिन की शुरूआत मुख्य अतिथि श्री बबलू यादव रहें तथा शाम में अंजना वेलफेयर सोसायटी के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ । जिसमें माया कुलश्रेष्ठ का वक्तव्य तथा अनन्या अरोड़ा और अंशिका जैन ने कथक नृत्य के शुद्ध प्रयोग से शमा बाँध दी थी ,