ग्रेटर नोएडा

चोर-पुलिस: निलंबन से क्या हासिल?

राजेश बैरागी (वरिष्ठ पत्रकार)

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट के मध्य क्षेत्र स्थित सूरजपुर कस्बा पुलिस चौकी प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मियों को चोरों के साथ मिले होने के आरोप में इस रविवार को निलंबित कर दिया गया। यह पुलिस इतिहास में न तो अपराधियों से पुलिसकर्मियों के मिले होने की पहली और अनौखी घटना है और न उनके निलंबन की। इसी थाना क्षेत्र में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिग्रहण की हुई कई गांवों की लाखों क्यूबिक मीटर मिट्टी चोरी हो चुकी है। संबंधित चौकी प्रभारी पर मिट्टी चोरों से मिले होने का संदेह है। शिकायतों की एक लंबी फेहरिस्त है। एफआईआर भी दर्ज है परंतु कार्रवाई नदारद है। इसी थानाक्षेत्र में तिलपता गोलचक्कर पर ईंटों के व्यापारियों के ट्रैक्टर ट्राली दोनों ओर सड़क को घेरकर हमेशा खड़े रहते हैं। इससे चौबीसों घंटे दुर्घटना का खतरा बना रहता है।दिन और रात यहां से पुलिस की गाड़ियां गुजरती हैं।कोई सौ मीटर दूर चौकी और यातायात पुलिस मुस्तैदी से ड्यूटी करती रहती है और यह सब दिखाई नहीं देता। चोर और पुलिस,खनन माफिया और पुलिस, ईंटों से भरे ट्रैक्टर ट्राली और पुलिस। क्या इन सब का ईलाज केवल निलंबन में है? निलंबित होने वाले पुलिसकर्मी कुछ दिनों बाद फिर कहीं ड्यूटी बजा रहे होते हैं। चोर,खनन माफिया और ईंटों के ट्रैक्टर ट्राली वाले भी अपने काम की निरंतरता बनाए रखते हैं,

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