ग्रेटर नोएडा

शारदा विश्वविद्यालय में 9वीं आनंद स्वरूप गुप्ता मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ

ग्रेटर नोएडा:शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ ने 9वीं आनंद स्वरूप गुप्ता मेमोरियल अंतरराष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ । प्रतियोगिता में देशभर से 32 टीमों ने भाग लिया है और 100 से अधिक प्रतिभागी ने हिस्सा लिया। मूट प्रतियोगिता में 16 कोर्ट रूम में प्रारंभिक राउंड होंगे, जिसके बाद क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल होगा।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. ललित भसीन, अध्यक्ष, सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स ,डॉ अमर पाल सिंह, कुलपति, राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पी.के. मल्होत्रा, पूर्व सचिव, विधि और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार , अशोक कुमार सिंह,पूर्व जनपद न्यायाधीश और विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा रहे।

सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स के अध्यक्ष, डॉ. ललित भसीन ने इस प्रतियोगिता की सराहना करते हुए कहा कि कानूनी शिक्षा में मूट कोर्ट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस तरह के आयोजन छात्रों को न केवल कानूनी विश्लेषण की बारीकियों को समझने का अवसर देते हैं बल्कि उन्हें पेशेवर वकालत की दुनिया के लिए भी तैयार करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि न्याय सदैव विधि से बड़ा है हमारा संविधान के उद्देशिका द्वारा सामाजिक, आर्थिक एवं राज नैतिक न्याय को प्राथमिकता देता है।

पूर्व विधि सचिव पी.के. मल्होत्रा ने प्रतियोगिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता एक ऐसा मंच है जो भविष्य के विधिवेत्ताओं को संवैधानिक और अंतरराष्ट्रीय कानून की गहरी समझ प्रदान करता है। यह प्रतियोगिता विधि छात्रों को न्यायालय की प्रक्रिया को व्यावहारिक रूप से समझने का सुनहरा अवसर देती है।”

इस अवसर पर राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अमर पाल सिंह ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता कानून के छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को निखारने और न्यायिक प्रक्रिया को समझने का सर्वोत्तम माध्यम हैं। यह प्रतियोगिता छात्रों को शोध, तर्कशक्ति और विधिक अधिनियमों के व्यावहारिक प्रयोग का बेहतरीन अवसर प्रदान करती है।

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा ने कानून और तकनीक के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कानून ही सामाजिक बदलाव का एकमात्र आधार है। चाहे बदलाव सामाजिक,व्यावहारिक और तकनीकी किसी भी क्षेत्र में हो।

शारदा स्कूल ऑफ लॉ के डीन प्रोफेसर डॉ ऋषिकेश दवे ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा, “हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि शारदा विश्वविद्यालय इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है। यह मूट कोर्ट प्रतियोगिता कानून के छात्रों को पेशेवर रूप से विकसित करने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस दौरान प्रोफेसर तारकेश मोलिया, डॉ अक्सा फातिमा, डॉ रजिया चौहान समेत विभिन्न विभागों डीन और एचओडी मौजूद रहे।

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