स्वस्थ जीवन जीने के लिये व्यक्ति को अपने खान-पान और रहन-सहन के नियम निश्चित करने के पहले अपनी प्रकृति अवश्य ही जान लेनी चाहिये-श्री विजय शंकर तिवारी

ग्रेटर नोएडा: स्वास्थ्य जीवन जीने के लिये व्यक्ति को अपने खान-पान और रहन-सहन के नियम निश्चित करने के पहले अपनी प्रकृति अवश्य ही जान लेनी चाहिये
किंतु देश दुनिया में ऐसे बहुत कम आयुर्वेद केंद्र हैं जहां व्यक्ति को उसकी प्रकृति के अनुसार जीवन यापन के नियम बताये जा रहे हों। जबकि यह वैश्विक आवश्यकता है। सौभाग्य की बात है कि नोएडा में भारतीय धरोहर के द्वारा देश का पहला प्रकृति परीक्षण और परामर्श का केंद्र चल रहा है। जहाँ केंद्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान द्वारा विकसित किये गये प्रकृति परीक्षण पोर्टल पर प्रशिक्षित वैद्यों के द्वारा परामर्श का कार्य किया जाता है।
यह विचार आज भारतीय धरोहर विचार मण्डल ग्रेटर नोएडा के द्वारा आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के समापन के ठीक पहले भारतीय धरोहर के महामंत्री श्री विजय शंकर तिवारी ने व्यक्त किये।
भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध की पराजय के बाद उसके पुत्र सहदेव को ही राजा बनाया। जरासंध वध प्रसंग का विस्तार से वर्णन करते हुये आचार्य पवन नंदन जी ने बताया कि पांडवों ने पितरों की तृप्ति के लिये राजसूय यज्ञ का आयोजन किया था। राजसूय यज्ञ में भोजन की व्यवस्था भीम को सौंपी। आचार्य जी ने बताया कि अपने किसी भी पारिवारिक आयोजन में भोजन की व्यवस्था किसी खाने पीने के शौकीन को देनी चाहिये।
कथा के आरम्भ में मुख्य यजमान नरेश गुप्ता और दैनिक यजमान संजय सूदन, आनंद भाटी, नितिन अग्रवाल, देवीशरण शर्मा और देवाशीष गौड़, जो कि आज के भंडारा सहयोगी भी हैं ने व्यास पीठ का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
आज कथा में भारतीय धरोहर के संरक्षक प्रमोद गुप्ता, संजीव सक्सेना, डा. नितिन अग्रवाल, कुलदीप शर्मा, मनोज सिंघल, महामंत्री प्रमोद चौहान, कपिल कृष्ण , मुकुल गोयल , सरोज तोमर, श्रीमती विनीता शर्मा, श्रीमती ममता सिंह, श्रीमती पूनम अग्रवाल, रश्मि अरोड़ा, ललित शर्मा, संजय सूदन, गौरव उपाध्याय, श्री डी के अरोड़ा, श्री अनुज उपाध्याय, कौशल गुप्ता एवं सतीश गुप्ता भी उपस्थित रहे।