एक और सर तन से जुदा, कटटरवादी आतंक – दिव्य अग्रवाल
मवाना किला परीक्षितगढ़ में रोहित जो अपने पिता की चाय की दुकान पर मदद करने रविवार को आया था उसकी मजहबी कटटरवादियों ने गर्दन काटकर इसलिए हत्या कर दी क्यूंकि रोहित ने उनको पॉलिथीन देने से मना कर दिया था।आप स्वयं सोचिए क्या इतनी छोटी बात पर कोई किसी की इस प्रकार निर्मम हत्या कर देता है क्या , यह तो खुला आतंक है। जिहादी मानसिकता वाले लोग बिना किसी कारण ही पिछले कुछ समय से इसी प्रकार गैर इस्लामिक समाज की हत्या कर रहे हैं ज्यादातर हत्याएं गर्दन पर वार करके ही की जा रही है क्यूंकि इस्लाम में काफिर अर्थात गैर इस्लामिक समाज की हत्या सर तन से जुदा नारे के साथ करने को जायज माना जाता है। समस्या यह है की इस निर्मम हत्या के पश्चात सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग के अतिरिक्त पीड़ित परिवार या हिन्दू समाज के पास कोई अन्य मांग नहीं है। इस्लामिक कटटरवादी सामान्य जीवन में भी चाक़ू छूरे आदि लेकर चल रहे है ,जिससे जब चाहे तब किसी की गर्दन पर वार कर देते हैं अतः अपनी आत्मरक्षार्थ हेतु सनातनी हिन्दू समाज को भी समुचित प्रबंध कर लेने चाहिए।