जिला पूर्ति अधिकारी और सप्लाई इंस्पेक्टर निलंबित
तीन हजार कुंतल राशन गबन मामले में शासन की गिरी गाज, अधिकारियों के संरक्षण में सरकारी राशन में हो रही है हेराफेरी घटतोली
औरंगाबाद( बुलंदशहर) तीन हजार कुंतल राशन की कालाबाजारी के सनसनीखेज मामले में अब जाकर शासन ने असली मुजरिमों के खिलाफ कठोर एक्शन लिया। बुलंदशहर के जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार सिंह और तहसील सदर के सप्लाई इंस्पेक्टर विवेक कुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है।
गरीबों के निवाले पर राशन डीलरों द्वारा खुलेआम डाका डाला जाता रहा है। पूरे जिले में शायद ही कोई कस्बा, गांव अथवा शहर हो जहां प्रत्येक उपभोक्ता को शासन द्वारा निर्धारित पांच किलो ग्राम राशन प्रति यूनिट दिया जा रहा हो। हर जगह सीना ठोककर राशन में घटतोली की जा रही है। कहीं चार किलो ग्राम प्रति यूनिट तो कहीं साढ़े चार किलो ग्राम प्रति यूनिट राशन दिया जा रहा है। गरीब उपभोक्ता जितना मिल रहा है उतने में ही सबर करके बैठने को विवश हो कर रह जाता है क्योंकि तमाम शिकायत दर्ज कराने के बाबजूद उसकी कहीं भी किसी भी अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार पूर्ति विभाग है जो डीलरों से अवैध मासिक वसूली करने में मशगूल हो कर अपने दायित्व को पूरा करने में पूरी तरह विफल है।
राशन कार्ड धारकों को दबंग डीलरों द्वारा शिकायत करने पर राशनकार्ड ही खत्म करा देने की धमकी खुलेआम दी जाती है। पूर्ति निरीक्षक अव्वल तो क्षेत्र में आते ही नहीं और यदि भूले-भटके कभी आते हैं तो खाना पूर्ति करके चलते बनते हैं।
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार होने के बाबजूद गरीबों के राशन पर खुलेआम डाका डाला जाता रहा,हालिया लोकसभा चुनाव में भाजपा के दयनीय प्रदर्शन का एक अहम् मुद्दा यह भी रहा। क्योंकि डीलरों के संबंध सांसद और विधायकों से काफी नजदीकी बने हुए हैं यहां तक कि उन्हें उनके इर्द-गिर्द आजू बाजू कभी भी देखा जा सकता है। कहना उचित होगा कि भाजपा के इस दयनीय प्रदर्शन में राशन की घटतोली की भी कम भूमिका नहीं है,
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल