प्रशासन और प्राधिकरणों के उदासीन रवाईये से नाराज किसानों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में फिर से बड़े “किसान-आन्दोलन” का आगाज

ग्रेटर नोएडा: प्रशासन और प्राधिकरणों के उदासीन रवाईये से नाराज किसानों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में फिर से बड़े “किसान-आन्दोलन” का आगाज किया
10% प्लॉट एवं नए भूमि अधिग्रहण कानून तथा अधिकारियों के स्तर की हाइपावर कमेटी द्वारा किसानों के पक्ष में दी गई सिफारिशों को तुरन्त लागू किए जाने आदि की मांग पर तीनों प्राधिकरणों तथा शासन स्तर की वार्ताएं और साथ ही अन्य विभिन्न संस्थानों के साथ होने वाली प्रभावित किसानों की वार्ताओं के सम्बन्ध में प्रशाशन तथा प्राधिकरणों के उदासीन रवाईए से नाराज संयुक्त किसान मोर्चा SKM के बैनर तले 14 किसान संगठनों के नेताओं की आज एक अहम बैठक भारतीय किसान यूनियन अखण्ड के झट्टा-बदोली (गुर्जर-डेरीन) सैक्टर 151A (महेश कसाना मार्केट) नोएडा स्थित कार्यालय पर हुई। जिसमें 30 दिसम्बर 2024 को SKM के सभी घटक किसान संगठनों के आह्वान पर यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट कराई गई विशाल किसान महापंचायत के दौरान सभी पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट एवं बढ़ा हुआ मुआवजा दिए जाने तथा नया कानून लागू होने के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, 20% प्लॉट तथा भूमिहीन एवं भूमिधर किसानों के बच्चों को रोजगार और आबादियां निस्तारण आदि मांगों के सम्बन्ध में तीनों प्राधिकरणों तथा शासन स्तर पर वार्ताएं कराने तथा इसी क्रम में जिले की विभिन्न अन्य परियोजनाओं से प्रभावित किसानों उन संस्थानों के साथ वार्ताएं कराए जाने का भरोसा दिया गया था परंतु पिछले दिनों SKM द्वारा कलेक्ट्रेट पहुंचकर 10 मार्च तक उक्त वार्ताएं कराने का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद भी आज समय सीमा पूरी होने तक तक भी प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई , जिससे जिले के किसानों में व्याप्त भारी रोष के कारण संयुक्त किसान मोर्चा SKM के सभी 14 किसान संगठनों के नेताओं ने सर्व सम्मति से होली के बाद दिनांक 19 मार्च 2025, दिन बुधवार को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर फिर से एक विशाल किसान महापंचायत बुलाकर बड़ा किसान आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है।
एस. के. एम. द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सरकार पूंजीपतियों को तमाम सुविधाएं दे रही है परंतु किसानों के जायज कानूनी और संवैधानिक अधिकारों की जानबूझकर दबाने का प्रयास कर रही है जिसे अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसान अपने सभी अधिकार लेकर रहेंगे।