अवैध कब्जे की शिकायत पर राजस्व विभाग की टीम ने निर्माण कार्य रुकवाया
कांजी हाउस की एल एम सी की जमीन पर अवैध कब्जे की मिली थी शिकायत
औरंगाबाद (बुलंदशहर) कस्बे औरंगाबाद में भूमाफियाओं की पौ बारह हो रही है। हो भी क्यों ना नगर पंचायत के सर्वे सर्वा खुद अवैध कब्जे होते मूकदर्शक बने हुए हैं आरोप तो यहां तक लगाये जा रहे हैं कि उन्ही की शह पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। ताज़ा तरीन मामला यह सामने आया है कि कांजी हाउस की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा था। लोगों की शिकायत पर नायब तहसीलदार ललित नारायण प्रशांत ने लेखपालों की टीम मौके पर भेजकर काम रुकवाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग छः माह पहले कांजी हाउस की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की नीयत से भूमाफियाओं ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया। दो सभासदों की शिकायत पर तत्कालीन एस डी एम सदर ने नायब तहसीलदार एस के तिवारी के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम गठित कर मौके पर भेजा। जांच पड़ताल कर राजस्व टीम ने जमीन को सरकारी बताया और निर्माण कार्य रुकवा दिया।
इसके बाद दो तीन दिन पहले पुनः उसी जमीन पर काम शुरू कर दिया गया। पूर्व चेयरमैन राजकुमार लोधी उर्फ राजू लोधी ने ई ओ को अवगत कराया तो उन्होंने किशोरी लाल के नेतृत्व में नगर पंचायत कर्मियों को मौके पर भेजकर जांच पड़ताल कराई। निर्माण कार्य कराने वालों ने अपना नक्शा नगर पंचायत से पास कराकर काम शुरू कराया गया बताया। नक्शा देखने पर उसपर पंचायत अध्यक्षा सलमा कुरैशी के हस्ताक्षर देखकर उन्होंने राजस्व विभाग से जमीन के मालिकाना हक की बाबत पूछताछ की। उधर अवैध कब्जे की शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार ललित नारायण प्रशांत ने लेखपाल वेद प्रकाश सिंह व हितेंद्र शर्मा को मौके पर भेजा। मौके पर पहुंचकर लेखपालों ने पैमाइश होने तक निर्माण कार्य रूकवा दिया।
पूर्व चेयरमैन राजकुमार लोधी का कहना है कि अभिलेखों में अस्सी फुट का रास्ता दर्ज है। यदि सही ढंग से पैमाइश की जायेगी तो उक्त जमीन कांजी हाउस की ही सामने आयेगी। उन्होंने पैमाइश में गड़बड़ी किये जाने पर मामला शासन स्तर पर उठाए जाने की बात कही है।
नायब तहसीलदार ललित नारायण प्रशांत ने कहा है कि पैमाइश कराने के बाद ही वस्तु स्थिति सही तरह से सामने आयेगी। यदि सरकारी जमीन पर कब्जा पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल