पीकेएस मॉल ग्रेटर नोएडा वेस्ट:प्राधिकरण के नोटिस ठेंगे पर
राजेश बैरागी( स्वतंत्र पत्रकार व लेखक)
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में कार्यरत बिल्डर्स के लिए प्राधिकरण के आदेशों की कितनी अहमियत है? आवंटित भूमि पर स्वीकृत एफ ए आर से अधिक निर्माण करने से लेकर अपने आसपास की सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध कब्जा करना भी बिल्डरों के लिए आम बात हो चली है। दिलचस्प बात यह है कि प्राधिकरण के नोटिसों का भी इन बिल्डरों पर कोई असर नहीं होता।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक मूर्ति चौराहे पर पिछले कई वर्षों से निर्माणाधीन पीकेएस मॉल के आगे से गुजर रही ग्रीन बेल्ट और सर्विस रोड पर अतिक्रमण कर अवैध कब्जा जमा लिया गया है।130 मीटर रोड पर ग्रीन बेल्ट में पीकेएस मॉल के बिल्डर की निर्माण सामग्री पड़ी है तो निस्संदेह वहां पेड़ तो नहीं बचे होंगे। नाले पर पार्किंग और सुरक्षा गार्ड का क्योस्क और मॉल के कबाड़ का कब्जा है। सर्विस रोड को ऊंचा उठाकर भी मॉल के साथ मिला लिया गया है। मॉल के आगे से आम लोगों की आवाजाही बंद है। समझने की बात यह है कि मॉल को जितनी जगह आवंटित है, उससे कई गुना जगह पर कब्जा कर लिया गया है।
इस अतिक्रमण और अवैध कब्जे के संबंध में प्राधिकरण द्वारा निर्धारित समय में अतिक्रमण हटाने के लिए दो नोटिस दिए गए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पूर्व प्रभारी अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्रीमती अन्नपूर्णा गर्ग के आदेश पर पहला नोटिस 26 मार्च 2024 को दिया गया था। वर्तमान ग्रेटर नोएडा वेस्ट प्रभारी एसीईओ सुनील कुमार सिंह के आदेश पर इसी माह की 11 जुलाई को दूसरा नोटिस दिया गया है। नोटिसों में स्पष्ट तौर पर बिल्डर पर ग्रीन बेल्ट और सर्विस रोड को कब्जा करने का आरोप लगाते हुए तत्काल कब्जा हटाने व दोनों स्थानों को पहले जैसा करने का आदेश दिया गया है। परंतु बिल्डर पर इन नोटिसों का कोई असर नहीं हुआ है,