उपराष्ट्रपति धनखड़ और मुख्यमंत्री योगी की खास जुगलबंदी के चर्चे
ग्रेटर नोएडा:क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बीच ‘फास्ट फ्रेंडशिप’ हो गई है? पिछले नौ महीनों में एक के बाद एक तीन कार्यक्रमों में उपराष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने और प्रत्येक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति द्वारा मुख्यमंत्री की खुलकर प्रशंसा करने से ऐसी चर्चाओं का बाजार गर्म है।
अपने राष्ट्रीय नेताओं के साथ मधुर से लेकर अंतरंग संबंध स्थापित करना राजनीति में कोई नई बात नहीं है। मुख्यमंत्रियों को राजकाज संभालने के साथ हाईकमान के किसी प्रभावशाली नेता को अपने प्रभाव में रखना भी आवश्यक माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की गहरी मित्रता को भी इसी एंगल से देखा जा सकता है। पिछले नौ महीनों में हुए तीन बड़े कार्यक्रमों में उपराष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में रहा है।गत वर्ष 24 दिसंबर को गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ही मुख्य अतिथि थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होने के नाते दीक्षांत समारोह की मुख्य भूमिका में थे ही। इसी 7 सितंबर को गोरखपुर में खाद कारखाना में मुख्यमंत्री की पहल पर बने पूर्वांचल के पहले सैनिक स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम में भी उपराष्ट्रपति को ही मुख्य अतिथि बनाया गया था।आज यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के द्वितीय संस्करण के उद्घाटन के लिए भी उपराष्ट्रपति को ही आमंत्रित किया गया।इन तीनों अवसरों पर उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरी भूरी प्रशंसा की। उन्होंने न केवल योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की कायापलट होने की बात कही बल्कि उन्हें बिना थके राज्य को उन्नति के पथ पर ले जाने वाला नेता बताया। उन्होंने उन्हें गेम चेंजर की संज्ञा दी। मुख्यमंत्री भी उपराष्ट्रपति के बारे में खूब कशीदे पढ़ते हैं।आज यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो के उद्घाटन समारोह में अपना भाषण देकर वापस लौटे मुख्यमंत्री का उपराष्ट्रपति ने खड़े होकर स्वागत किया जो संभवतः प्रोटोकॉल के नियमों के विपरीत था।दोनों नेताओं की इस जुगलबंदी को लेकर राजनीति की समझ रखने वाले लोगों में खूब चर्चा है। दरअसल पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहने के दौरान वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए मुश्किलें खड़ी करने से चर्चा में आए जगदीप धनखड़ भाजपा के शीर्ष पंक्ति के नेताओं में गिने जाते हैं। उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी उनके राजनीतिक मिजाज में विशेष अंतर नहीं आया है।वे हिंदुत्व के बड़े पैरोकार माने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ की छवि भी कट्टर हिंदूवादी नेता की ही है। उनके विरुद्ध राज्य में राजनीतिक साजिशें भी कम नहीं होती हैं। ऐसे में दो हिंदुत्व वादी नेताओं की मित्रता प्रगाढ़ होना स्वाभाविक भी है और समय की आवश्यकता भी है।
रिपोर्ट -राजेश बैरागी( स्वतंत्र पत्रकार )व ओमप्रकाश गोयल मुख्य संपादक( ग्लोबल न्यूज 24×7)