बुलन्दशहर

औरंगाबाद नगर पंचायत के विकास कार्यों में भृष्टाचार का दीमक

पांच महीने भी नहीं चल सकी नागेश्वर मंदिर रोड पर बनीं नाली ,विकास के नाम पर जेबें भरने में मशगूल नगर पंचायत के सर्वेसर्वा 

औरंगाबाद( बुलंदशहर )नगर पंचायत औरंगाबाद में विकास कार्यों में भृष्टाचार कमीशनखोरी चरम पर है। आलम यह है कि लगभग पांच माह पहले नागेश्वर मंदिर परिसर के नजदीक लाखों की लागत खर्च करके बनवाई गई नालियां अब जगह जगह से टूट-फूट कर भृष्टाचार की गाथा खुद बयां करती नजर आ रही हैं।

विकास कार्यों में घपले कमीशनखोरी भृष्टाचार लीपापोती का चरम देखना है तो औरंगाबाद कस्बे में आकर देखिए। ताज्जुब तो यह है कि भृष्टाचार का बोलबाला सपा बसपा अथवा कांग्रेस सरकारों में नहीं बल्कि देश प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार और प्रदेश में कड़क तेवरों वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के शासन काल में ही हो रहा है। और इस पर अंकुश लगाना तो दूर भृष्टाचार की बहती गंगा में वो आला अफसर भी डुबकी लगाने में पीछे नहीं रहे।

नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी ने तमाम नियम कायदों को ताक पर रखकर अपने चहेते ठेकेदारों को सात स्थानों पर विकास कार्यों के ठेके दे दिए। इस विकास गाथा का दिलचस्प पहलू यह रहा कि इन विकास कार्यों को पूरा कराने के बाद समाचारपत्र में विज्ञापन प्रकाशित कराकर टैंडर आमंत्रित करने और जिनसे काम पहले ही पूरा करा लिया गया उनके नाम टैंडर छोड़ने की औपचारिकता पूरी कर दी गई। घपले कमीशनखोरी भृष्टाचार लीपापोती की लिखित शिकायत वार्ड पांच के सभासद कविश अग्रवाल ने शासन प्रशासन को भेजी । मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य सचिव नगर विकास मंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक शिकायत भेजी गई जिससे इतना ही हो पाया कि भृष्टाचारियों ने शिकायत कर्ता को भी मैनेज कर लिया और शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल मामले पर लीपापोती कर दी गई। यदि उन सभी सातों विकास कार्यों की जांच किसी उच्च स्तरीय जांच समिति से कराई जाये तो लाखों के घपले घोटाले की पोल खुलते देर नहीं लगेगी। अब देखिए विकास कार्यों की हकीकत। नागेश्वर मंदिर परिसर के बाहर नाली खड़ंजा लगाने का काम भी उन्हीं सातों कामों में शामिल था। आज स्थिति यह है कि टूटी नालियां विकास कार्यों में घोटाले की गाथा खुलकर बयां कर रही हैं।आम आदमी का मानना है कि नौकरशाही की हनक के सामने किसी भी कड़क शासन की नहीं चलती फिर भले ही स्वयं योगी आदित्यनाथ जी का ही शासन क्यों ना हो। जिम्मेदार अफसर का कहना है कि कोई माई का लाल मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता सचिवालय तक में मेरी पहुंच है।

रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल

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