बुलन्दशहर

लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक

सीएचसी पहासू पर हुआ मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, जांच के उपरांत मरीजों को बांटी दवाई और दिव्यांग प्रमाण पत्र

बुलंदशहर : राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहासू सभागार में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में विशेषज्ञ मनोचिकित्सक ने लोगों को मानसिक रोग के लक्षणों और इससे बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। शिविर में मरीजों को जांच के उपरांत दवा उपलब्ध कराई गई। लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से बचाव के बारे में जानकारी दी।

पहासू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सभागार में शनिवार को मानसिक स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ अधीक्षक डा. मनोज कुमार, डा रवि शर्मा, मंडल अध्यक्ष कुलदीप सिंह, सांसद प्रतिनिधि मनोज गर्ग ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। मानसिक स्वास्थ्य शिविर को संबोधित करते हुए अधीक्षक डा मनोज कुमार ने कहा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है। आज हर घर में कोई न कोई, किसी न किसी कारण तनाव में है। तनाव में रहने से समस्याएं बढ़ती हैं। समस्या बहुत साधारण स्तर से शुरू होकर बाद में जटिल मानसिक रोग का रूप ले लेती है। ऐसी समस्याओं को प्राथमिक स्तर पर काउंसलिंग या योग के माध्यम से आसानी से दूर किया जा सकता है। मानसिक रोगों से बचने के लिए जीवन-शैली में सुधार लाने और नियमित रूप से योग को अपनाने की जरूरत है। शिविर में 253 मरीजों की स्क्रीनिंग हुई। जिसके 53 मरीजों को दवाई का वितरण करते हुए 3 को मानसिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया गए। जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई से सुनील कुमार, विकास कुमार, मनवीर सिंह, संतोष कुमार यादव एवं अनामिका मौजूद रही।

कार्यक्रम के नोडल डा. रमित कुमार ने कहा कि हमारा वह व्यवहार जिससे हम पर, हमारे परिवार और समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, वह मानसिक रोग है। मानसिक रोग से मनुष्य की दिनचर्या अव्यवस्थित हो जाती है। हमारे समाज में आज भी 80 प्रतिशत लोग मानसिक रोग से ग्रसित हैं, जिन्हें हम देख नहीं पाते इन्हें न्यूरोट्रिक कहते हैं। नींद न आना, बेचैनी, उलझन, हताशा, अत्याधिक क्रोध, आशंका, एक ही कार्य बार-बार करना आदि मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण हैं। ऐसे किसी भी लक्षण के होने पर झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़कर तत्काल मनोचिकित्सक से सलाह लें।

डा रमित कुमार ने बताया कि जनपद के जिला अस्पताल में प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को और खुर्जा के एसएस जटिया अस्पताल में मंगलवार और शनिवार को मानसिक स्वास्थ्य की ओपीडी होती है। यहां राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम की ओर से काउंसलिंग, सलाह व उपचार उपलब्ध कराया जाता है।

रिपोर्टर उपेंद्र शर्मा

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