दनकौर

बी.डी.आर.डी.सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मनाया गया हिंदी दिवस

दनकौर:विद्या मदिर इंटर कॉलेज दनकौर,गौतमबुद्ध नगर में आज हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया, सर्वप्रथम आज के कार्यक्रम के संयोजक व हिंदी विषय के प्रवक्ता अरविंद सिंह एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य जयप्रकाश सिंह ने वंदना सत्र में मां सरस्वती व कवि शिरोमणि संत कबीरदास के चित्र पर दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन किया। तत्पश्चात कक्षा 10 की छात्रा पलक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें अपने मातृभाषा हिंदी को सम्मान देना चाहिए और हमें अपने विचार भाषा में ही रखना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक अरविंद सिंह ने बताया हिंदी हमारी राज भाषा है। 1973 में हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ।

यह दिवस हिंदी को समझने और हिंदी का सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है। हिंदी दिवस हिंदी के महत्व को समझने और हिंदी का सम्मान करने के लिए प्रेरित करता है। वर्ष 1949 में 14 सितंबर को ही भारत का संविधान सभा में हिंदी को देश की तीसरी भाषा का दर्जा मिला। हिंदी के महत्व को समझे हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता आचार्य कोमल जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंदी भाषा दिवस के अवसर पर हम सभी को हिंदी के प्रति प्रेम और सम्मान को व्यक्त करना चाहिए।हमें युवा पीढ़ी को हिंदी भाषा के महत्व को समझाते हुए विद्यालय में हिंदी में पोस्टर बनाने, नाटक, निबंध आदि लेखन के कार्यक्रम होने चाहिए। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य भी छात्र-छात्राओं को हिंदी के महत्व के बारे में समझना है। हिंदी दिवस हमें हिंदी भाषा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और हिंदी को संरक्षित करना भी है।

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य जयप्रकाश सिंह ने बताया हिंदी एक ऐसी भाषा है जो करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती है। भारत में हिंदी भाषा का एक खास स्थान है दुनिया भर में तीसरी सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है।हिंदी के महत्व और इसे प्रयोग करके अधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। प्रधानाचार्य ने सभी छात्र-छात्राओ को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के पश्चात विद्यालय विद्यालय के समस्त छात्र -छात्राओं को निबंध प्रतियोगिता कराई गई। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त आचार्य एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रगान के पश्चात कार्यक्रम का समापन किया गया।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!