ग्रेटर नोएडा

जीबीयू में “सूत्त पिटक पाली में बौद्ध दर्शन के सामाजिक-नैतिक परिप्रेक्ष्य” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता विद्यालय द्वारा भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (ICPR), नई दिल्ली के सहयोग से “सूत्त पिटक पाली में बौद्ध दर्शन के सामाजिक-नैतिक परिप्रेक्ष्य” विषय पर 24-25 फरवरी 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

गौतम बुद्ध के उपदेश, जिन्हें ‘बुद्धवचन’ के रूप में जाना जाता है, सम्पूर्ण मानवता के कल्याण हेतु प्रदान किए गए थे। ये शिक्षाएँ पाली भाषा में संरक्षित हैं, जिससे बौद्ध दर्शन की मूल भावना को समझने में सहायता मिलती है। त्रिपिटक के तीन भागों में से एक सूत्त पिटक, बौद्ध दर्शन के सामाजिक और नैतिक पहलुओं पर केंद्रित है। इस कार्यशाला का उद्देश्य इसी महत्वपूर्ण ग्रंथ के माध्यम से बौद्ध नैतिकता और समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण को समझना है।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप भारत की शास्त्रीय भाषाओं, विशेष रूप से पाली भाषा के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देना है। अक्टूबर 2024 में पाली को भारत की शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया था, जो इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत में महत्त्व को दर्शाता है।

कार्यशाला के प्रमुख उद्देश्य में मुख्यतः सूत्त पिटक में वर्णित सामाजिक और नैतिक दर्शन की प्रासंगिकता का अध्ययन एवं भारतीय ज्ञान प्रणाली में पाली भाषा और साहित्य के योगदान को समझना और उसपर विस्तृत चर्चा बौद्ध अध्ययन के विख्यात विद्वानों द्वारा किया जाएगा, विभिन्न विषयों (दर्शन, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति, नैतिकता, हिंदी, अंग्रेजी, बौद्ध अध्ययन) के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए बौद्ध शब्दावली को सरल बनाना, पाली भाषा और साहित्य में अन्य संबद्ध विषयों के विद्वानों की रुचि बढ़ाना, पाली भाषा और साहित्य को दर्शनशास्त्र के विद्वानों के बीच लोकप्रिय बनाना एवं आधुनिक भारत में पाली भाषा के महत्व, और उसके प्रति जागरूकता बढ़ाना।

प्रतिभागियों को बौद्ध दर्शन के सामाजिक-नैतिक पहलुओं की गहन समझ प्राप्त होगी।
पाली भाषा और साहित्य में रुचि को बढ़ावा मिलेगा।
अंतःविषयक (interdisciplinary) शोध को प्रोत्साहन मिलेगा।
नैतिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं के प्रति जागरूकता विकसित होगी।
यह कार्यशाला प्रो. श्वेता आनंद, अधिष्ठाता बौद्ध अध्ययन एवं डॉ. चिंतल वेंकट शिवसाई, विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है, जिसमें बौद्ध अध्ययन विभाग के प्राध्यापकगण एवं छात्र सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

कार्यशाला में दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, सागर विश्वविद्यालय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन, नागार्जुन यूनिवर्सिटी, सहित देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के पाली एवं बौद्ध अध्ययन के विद्वान अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

यह कार्यशाला बौद्ध अध्ययन की सामाजिक-नैतिक शिक्षा को आधुनिक संदर्भ में समझने, चिंतन करने और अनुसंधान को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी।

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