प्लेन क्रैश, दुर्घटना या अमानवीय आतंक – समय के गर्भ में छिपा है – दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)

रुबेन सैन्टामार्टा जो जर्मनी में साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट थे उन्होंने वर्ष २०१९ में कहा था की बोइंग प्लेन जो की अमेरिकी तकनीक से निर्मित है उसको कोई हैकर जो तकनीक का ज्ञाता हो हैक कर सकता है और हैक करने की सम्भावना टैक ऑफ़ एवं लेंडिंग के समय सबसे ज्यादा होती है। इस जानकारी को अहमदाबाद प्लेन क्रैश की दुखद एवं अत्यंत पीड़ादायक घटना के संबंध में मंथन करना आवश्यक है क्यूंकि सोशल एकाउंट्स के माध्यम से ज्ञात होता है की एक्स एकाउंट्स पर एक तथाकथित CIA एजेंट कही जाने वाली साराह एडम्स नाम की महिला ने 09.06.25 को दो ट्वीट किये हैं जिनको पढ़कर लगता है की अहमदाबाद प्लेन क्रैश वह घटना हो सकती है जिसको अंजाम देने की मीटिंग पहले ही हो चुकी थी ।
चिंतन तो इस विषय पर भी होनी चाहिए की जिस तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया उसी तुर्की की सेलेबी कम्पनी भारत में लगभग 57000 फ्लाइट्स की उड़ाने और कार्गो की जिम्मेदारी संभालती है जिसको तब बंद कर दिया गया जब ओप्रेसन सिन्दूर के समय तुर्की पाकिस्तान के साथ सार्वजानिक तौर पर खड़ा था पर भारत की न्यायालय ने ही एक याचिका पर इस प्रतिबन्ध को बहाल कर दिया था।
इसके साथ ही साथ दूसरा विचारणीय विषय , इस घटना की जानकारी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपने फेसबुक पेज पर दी जिस पर असंख्य मुस्लिम समाज के व्यक्तियों न सिर्फ ख़ुशी जाहिर की अपितु भारत विरोधी कमेंट भी लिखे क्या वास्तव में ऐसे लोग मनुष्य कहलाने योग्य हैं । शायद ये पशु कहलाने योग्य भी नहीं हैं क्यूंकि इनके मस्तिष्क में एक ऐसी मजहबी पुस्तक की शिक्षा डाल दी जाती है जो इस प्रकार के लोगो को पशु से भी बेकार बना देती है। इस दुर्घटना में प्रत्यक्ष मृत्यु तो दिख रही है पर उनके परिवारों की, उन पर निर्भर लोगो की भी अप्रत्यक्ष रूप से मृत्यु हुई है ।
उन माता पिता के सपनो की भी मृत्यु हुई है जिन्होंने अपने बच्चो को डॉक्टर बनाने हेतु अकल्पनीय प्रयत्न किये होंगे लेकिन हॉस्टल में उन्हें काल ने अपना ग्रास बना लिया । वास्तव में जिन्हे हम शांतिदूत समझते हैं समय समय पर वो लोग प्रमाण दे ही देते हैं की वो जिहादी किसी जंगली भेड़िये या नरपिशाच की सोच रखने वाले से कम नहीं हैं।