विचार

इस्लामिक आतंक किसने देखा, क्या अब कुछ दिख रहा है – दिव्य अग्रवाल (विचारक एवं लेखक)

जागते हुए को जगाना सबसे जटिल कार्य, कही पडोसी मुसलमान नाराज न हो जाय इसीलिए बांग्लादेश के हिन्दुओ की पीड़ा पर सनातनी समाज मुखर तक नहीं है । जो लोग कहते थे की मुगलो का आतंक किसने देखा, सब कही सुनी बात है वो आज बहुत कुछ देखकर भी स्वयं को दिलासारूपी धोखा दे रहें है की सब कुछ ठीक है। आज बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है ठीक उसी प्रकार भारत यह वेदना झेल चूका है इसी प्रकार इस्लामिक आक्रांताओं ने भारत के मंदिरो को तोडा था,महिलाओ के साथ दुराचार किया था ,हिन्दुओ की निर्मम हत्याएं की थी । जिन मंदिरो को तोड़कर मस्जिद बनायी गयी थी वो चीख चीख कर कह रही हैं की हम प्रतीक है उस बर्बरता का लेकिन सनातनी हिन्दू समाज अभी भी भाईचारे का खोखला गुणगान कर रहा है। इस्लाम चाहे बांग्लादेश का हो या भारत का मजहबी शिक्षा एक समान ही है इसी मजहबी शिक्षा के कारण इस्लामिक समाज अन्य धर्म के लोगो की निर्मम हत्या करता है । इस्कॉन जैसी धनाढ्य संस्था जिन्होंने मुस्लिम समाज की भी बहुत सहायता की आज शस्त्रविहीन और शक्तिहीन होने के कारण उनकी भयानक दुर्गति इस्लामिक समाज द्वारा की जा रही है । अब भी समय है भारत के सभ्य समाज को सतर्क होना चाहिए और अपनी सुरक्षा हेतु संवैधानिक रूप से शस्त्र युक्त होना चाहिए ।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!