खाद्म सुरक्षा सहायक आयुक्त के नेतृत्व में लिया मैदा व आटे का एक एक सैंपल

औरंगाबाद( बुलंदशहर ) खाद्म सुरक्षा विभाग की टीम ने कस्बा औरंगाबाद में एक गोदाम पर छापा मारकर एक सैंपल मैदा का तथा दूसरा सैंपल गैंहू आटा का लिया। जांच दल का नेतृत्व सहायक आयुक्त विनीत कुमार सिंह स्वयं कर रहे थे। छापामार कार्रवाई की भनक लगते ही कस्बे के दुकानदारों में हड़कंप मच गया गनीमत यह रही कि जांच टीम अन्य किसी दुकान पर गये बिना वापस लौट गयी।
बरौली बासुदेव पुर में ध्रुव कुमार शर्मा के स्वामित्व वाली फ्लोर मिल पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने गुरुवार को छापामार कार्रवाई करते हुए गैंहू के आटे में मानव जीवन के लिए अति घातक सेलखड़ी पाउडर,चावल की किनकी , सहित तमाम अन्य घटिया सामग्री मिलाकर बेचने का अति संगीन मामला पकड़ा था। इसी फ्लोर मिल मालिक के वेयर हाउस में पैंतालीस हजार बोरे स्कीम्ड मिल्क पाउडर भी बरामद किए गए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कीम्ड मिल्क पाउडर जिसकी अनुमानित कीमत चौवालीस करोड़ रुपए थी उसके रखने, भंडारन करने अथवा बिक्री करने का कोई भी वैध दस्तावेज मौके पर मौजूद नहीं पाया गया था। खाद्म सुरक्षा विभाग के जांच दल को फ्लोर मिल मालिक ध्रुव शर्मा मौजूद मिला। इसके बावजूद विभाग ऐसे गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में असमर्थ रहा। हालांकि विभागीय अधिकारी कहते हैं कि विभाग में हम केवल सैंपल लेकर लैबोरेटरी भेजते हैं। जांच में मिलावटी खाद्य पदार्थ पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाता है। जानकार बताते हैं कि मौके पर लिए गए सैंपल चेंज करना कराना इतना सरल है कि मिलावटखोरों को इस छापामारी कार्रवाई का कोई भय महसूस ही नहीं होता और वे सैंपल पास कराने के बाद अथवा उससे पहले ही पुनः अपने मिलावट के गैर कानूनी अमानवीय कृत्य में संलिप्त हो जाते हैं। जानकार तो यहां तक कहते हैं कि छोटी मछलियों को भले ही विभाग की कड़क कार्रवाई का सामना करना पड़ता हो बड़े मगरमच्छ कभी किसी कानूनी फंदे में नहीं फंसते।
एस डी एम स्याना स्वयं बरौली बासुदेव पुर में फ्लोर मिल पर छापे के दौरान मौके पर पहुंचे थे लेकिन उनके पास भी शायद ऐसा कोई अधिकार नहीं था जिसका उपयोग करते हुए मानवीय जीवन से खिलवाड़ करने वाले नर पिशाचों को रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद कानून के हवाले कर दिया जाता।
बहरहाल खाद्म सुरक्षा विभाग ने सोमवार को औरंगाबाद में आकर दो सैंपल लिए हैं। विचारणीय प्रश्न यह है कि फ्लोर मिल में छापे के दौरान तमाम दस्तावेज खरीद बिक्री के मौजूद पाये गये थे यदि उन्हें खंगाला जाता तो जहां जहां मिलावटी आटे की सप्लाई होती रही थी वहां-वहां जांच पड़ताल शुरू कर मिलावटखोरों पर अंकुश लगाना संभव था सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने से समाज और कानून का भला नहीं हो सकता।
छापामार दल में डी ओ विनीत कुमार सिंह,एफ एस ओ महेश कुमार, मुनेंद्र राना अनिल कुमार कौशल , अमित गौतम सुपरवाइजर बिहारी लाल शुक्ला शामिल रहे।
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल