गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में “क्लाइमेट चेंज इन ह्यूमन सोसाइटी” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

ग्रेटर नोएडा:गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़ एंड सोशल साइंसेज़ के इतिहास विभाग द्वारा आज “क्लाइमेट चेंज इन ह्यूमन सोसाइटी” विषय पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने प्राचीन कालीन पर्यावरणीय स्थितियों की तुलना वर्तमान से करते हुए कहा कि “मानव निर्मित गतिविधियों ने प्राकृतिक संतुलन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। हमें अपने वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने की दिशा में सजग रहना चाहिए।” उन्होंने हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों के पश्चात हुए पर्यावरणीय परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए हरित क्रांति की ऐतिहासिक भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. विपुल सिंह ने अपने व्याख्यान में जलवायु परिवर्तन के ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि “इतिहास साक्षी है कि सूर्य की गतिविधियों में परिवर्तन होता रहा है, परंतु आज की तरह विनाशकारी प्रभाव पहले कभी नहीं देखे गए। विकास की दौड़ में मानव ने प्रकृति का अत्यधिक दोहन किया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ा है और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।”
इस अवसर पर डीन प्रो. वंदना पांडेय ने कहा कि “जहाँ मानव है, वहीं सभ्यता है, और हमारी सभ्यता हमें यह सिखाती है कि पर्यावरण संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है।”
कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम की संयोजक और इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रीतिका जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि “यह व्याख्यान श्रृंखला की एक शुरुआत है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक माह एक नया व्याख्यान आयोजित किया जाएगा ताकि छात्रों में ज्ञानवर्धन हो और शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो।”
कार्यक्रम का संचालन झलक और साक्षी द्वारा किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।





