पढ़ना लिखना छोड़ बच्चे धोते हैं स्कूल में झूठे बर्तन
सर्व शिक्षा अभियान को शिक्षक लगा रहे पलीता , टुकर टुकर देख रहे जिम्मेदार कार्रवाई के नाम पर ठेंगा

औरंगाबाद (बुलंदशहर )नौबतपुर प्राथमिक विद्यालय में स्कूल जाने वाले नौनिहाल पढ़ने के बजाय झूठे बर्तन साफ कर रहे हैं। शिक्षक इस शर्मनाक हरकत पर शर्मिन्दा होने के स्थान पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए अपनी जवाबदेही से बचने का प्रयास कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी जांच कराने का रटा रटाया जबाब दे रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी को फोन रिसीव करने तक की फुर्सत नहीं है।
सरकारी स्कूलों में सब कुछ सही नहीं चल रहा। ब्लाक लखावटी अंतर्गत ग्राम नौबतपुर में प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से झूठे बर्तन साफ कराने का मामला प्रकाश में आया है। वायरल हो रही विडियो में स्कूल में लगे हैंडपंप पर स्कूली बच्चों को बर्तन साफ करते हुए साफतौर पर देखा जा सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में शिक्षकों द्वारा अरसे से बच्चों से झूठे बर्तन धुलवाए जाते हैं। यही नहीं बच्चों से स्कूल में साफ सफाई का काम भी कराया जाता है। पहले गांव बालका की दो महिलाएं मिड डे मील बनाने और बर्तन साफ करने के लिए आतीं थीं जिन्हें प्रधान अध्यापिका ने कामचोर करार देते हुए जबरन हटा दिया था। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्रधान अध्यापिका कार से स्कूल आतीं हैं और कार चालक स्कूल में उनके साथ ही बैठा रहता है। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि कार चालक अमित से ही मिड डे मील भी बनवाया जाता है। वह स्कूल में ही मिड डे मील का खाना खाता है।
प्रधान अध्यापिका रतना मैडम से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होने बताया कि बच्चों से बर्तन शिक्षिका उषा लोधी और रीना रानी ने धुलवाए थे। जब उनसे मिड डे मील बनाने वाले के विषय में पूछा तो उन्होने कहा कि बालका वाली दोनों महिलाएं काम में आलसी थीं अतः उन्हें हटाया गया था। अब सुरजावली से दो महिलाएं आती हैं रसोईया के परिवार में शादी थी और दूसरी महिला अचानक नहीं आई तो कार चालक अमित से ही मजबूरी में मिड-डे मील बनवाया गया था। उन्होने अमित के मिड डे मील खाने से इंकार किया।
मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होने जांच कराने की बात कही। कार्य वाहक खंड शिक्षा अधिकारी ओ पी यादव ने फोन रिसीव नहीं किया।
ग्राम प्रधान ग्यासुद्दीन ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में बच्चों से जबरन काम कराया जाता है। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती है।
रिपोर्टर राजेंद्र अग्रवाल