पश्चिम उत्तर प्रदेश का बढ़ता इस्लामीकरण खतरे की घंटी- दिव्य अग्रवाल (लेखक व विचारक)

विधर्मियों की मजहबी शिक्षा से गैर इस्लामिक समाज सदियों से पीड़ित रहा है लेकिन समय समय पर धर्मयोद्धाओं ने उस कटटरपंथी सोच का मजबूत प्रतिकार भी किया। वर्तमान में यदि पश्चिम उत्तर प्रदेश की जनसँख्या का आंकलन किया जाए तो प्रतीत होता है की आगामी १५ वर्षो में गैर इस्लामिक समाज का अस्तित्व भयंकर विडंबना का सामना करेगा यह तो योगी जी महाराज हैं तो कटटरपंथी तत्व खुलकर आक्रामक नहीं हैं पर जहां भी अवसर मिलता है जिहादी समाज उपद्रव अवश्य करता है। समस्या यह है की कटटरपंथी समाज ऐसे उबल रहा है जैसे प्रेसर कूकर में सब्जी । जिस दिन जिहादी समाज को उपद्रव करने का खुला अवसर मिला उस दिन सामान्य हिन्दू समाज की सुरक्षा कैसे होगी। हिन्दू समाज के पास न तो संतान हैं और न ही वैधानिक शस्त्र शक्ति, सनातन परिवार में एक संतान और इस्लामिक परिवार की दस और उनके दस दस,आत्मरक्षा करने हेतु सनातनी बच्चे संघर्ष करने की भी स्थिति में नहीं है पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभ्य समाज को गंभीर मंथन करना आवश्यक ।
यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं